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नवरात्रि में यदि आपने माँ दुर्गा के समक्ष अखण्ड जोत जला ली, तो आप पर माँ दुर्गा की कृपा ऐसे बरसेगी कि आपको स्वयं सब कुछ एक चमत्कार सा लगने लगेगा। नवरात्रि के 9 दिनों में लगातार माता रानी के नाम से 9 दिन तक जोत जलाने का मतलब है कि आप अपने सौभाग्य के दरवाज़े अपने लिए खुद ही खोल रहे हैं। 

ये नवरात्रि हमारे लिए माता रानी का दिया हुआ एक बड़ा अच्छा अवसर होते हैं। माँ दुर्गा ढेर सारी खुशियां लिए हमारे द्वार पर होती है। अब ये हम पर है कि हम इस द्वार को खोलते हैं या नहीं। और द्वार खोलने पर भी माता रानी से किस प्रकार के सुख का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

ये 9 दिन की अखण्ड जोत आपके लिए सौभाग्य के द्वार भी खोलेगी, और आपके जीवन में सुख समृद्धि का भण्डार भी भरेगी। तो जान लीजिये कि ये अखंड जोत जलानी कैसे है और किन किन बातों का ध्यान रखना है। 

नवरात्रि में अखंड जोत कैसे जलाएं?  

नवरात्रि में आपको माता रानी के सामने अखंड जोत कैसे जलानी है? सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ये जोत 9 दिन तक अखंड जलनी चाहिए, ज्योति लगातार जलनी चाहिए, सुबह शाम रात अनवरत जलनी चाहिए। पहले दिन सुबह इस जोत को जलाना है और उसके बाद 9वें दिन तक यह लगातार जलती रहनी चाहिए। 

अखण्ड ज्योति के लिए किन-किन चीज़ों की होगी ज़रुरत?

अब इसके लिए क्या क्या चीज़ें चाहिए वो जान लें। सबसे पहले एक बड़ा सा दीपक ले लें। पीतल की जोत भी ले सकते हैं। पीतल की वो जोत जिसमें बाती लगाने के लिए स्टैण्ड लगा होता है। इसमें आप रुई की बाती की जगह, मौली ले लें, जिसे कलावा भी कहा जाता है, जो हाथ में बांधते हैं। कलावा भी आपको कॉटन वाला लेना है, सिल्क वाला नहीं लेना। मौली की बाती इतनी लम्बी होनी है कि 9 दिन तक जलती रहे। अब ज्योति में डालने के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार शुद्ध देसी घी या तिल का तेल लेना है। थोड़े से अक्षत यानि चावल, वो चावल जो टूटे हुए नहीं होते, यानि साबुत चावल और थोड़ा सा कपूर भी ले लें। एक लकड़ी की चौकी या पटरा जिसे आप अपने मंदिर के पास या सामने रखेंगे। और हाँ अलग अलग रंग से रंगे हुए चावल भी ले लें। एक लाल कपड़ा और कुछ पूजा का सामान जैसे फूल और धूप इत्यादि ले लें। अब जान लीजिये कि पहले नवरात्रि को माता रानी की जोत कैसे जलानी है। 

अखंड ज्योति जलाने की विधि 

सबसे पहले तो पूरे घर में साफ़ सफाई करके, झाड़ू पोछा लगा लें। पोछे वाले पानी में आप गौमूत्र अवश्य मिला लें। इसके बाद खुद स्नान कर लें। स्नान करने के बाद पूरे घर में गंगा जल छिड़क लें

अब घर के मंदिर में आप जहां अखंड ज्योति जलाने वाले हैं, वहाँ पहले एक लकड़ी की चौकी रख लें। ध्यान रहे अखंड ज्योति आपको भूमि पर नहीं जलानी है। लकड़ी की चौकी पर जलानी है। जो एक प्रकार से ज्योति का आसन होगा।

इस लकड़ी की चौकी को भी साफ़ करके गंगा जल छिड़क कर शुद्ध कर लें। अब इस पर लाल कपडा बिछा कर उसके चारों और कलावा इस तरह से बाँध लें कि कपडा अपनी जगह से खिसके नहीं।

अब इस कपडे पर अलग अलग रंग के चावलों से सुन्दर सा अष्टदल बना लें। इस अष्टदल पर आप जोत को स्थापित कर दें। 

इस ज्योति में आप खूब लम्बी कलावे की बत्ती पिरो दें। और शुद्ध देसी घी या तिल का तेल इसमें डाल दें। 

ज्योति में थोड़े से अक्षत और कपूर भी डाल दें। अब आप माँ दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के लिए तैयार हैं।

अखंड ज्योति जलाने से पहले इस प्रकार ज़रूर बोलें अपनी मनोकामना

ज्योति जलाने से पहले जिस मनोकामना के लिए आप अखंड ज्योति जला रहे हैं उसे अपने मन में स्पष्ट शब्दों में तीन बार दोहराएं और मन में ये भी बोले कि हे माँ अम्बे यदि ये चीज़ मुझे प्रदान करें और इसमें सबका भला भी हो। जैसे कि आप अपना घर खरीदना चाह रहे हैं तो आपको ये बोलना है, 

“हे माँ अम्बे, हे माँ दुर्गे, हे माता रानी, सबका कल्याण करने वाली, मैं आपके नाम से अखंड ज्योति जलाने लगा हूँ कृपा करके मेरा अपना घर बनवा दीजिये, और माता रानी इसमें सबका भला भी हो।”

ऐसा बिलकुल भी नहीं बोलना कि “इसमें किसी का बुरा न हो” या “इसमें किसी का बुरा हो” इत्यादि इत्यादि। आपको ये भी नहीं बोलना कि  “दुश्मनों का नाश हो”, या किसी का भी बुरा हो। ऐसा बिलकुल भी नहीं बोलना है। आपको केवल अपना भला चाहना है। और किसी का भी बुरा नहीं चाहना। 

अखंड ज्योति जलाने से पहले संकल्प करें

अब आपको माँ दुर्गा के नाम से यह अखंड ज्योति जलाने से पहले आपने हाथ में जल लेकर संकल्प करना है। संकल्प करने के लिए भूल चूक के लिए पहले से ही माता रानी से क्षमा प्रार्थना कर लें। हाथ में जल लेकर संकल्प इस प्रकार करें- 

“हे माता रानी, मैं आपके नाम से अखंड जोत जला रहा हूँ। मुझ पर अपनी कृपा बनाये रखना और मुझे इतना सामर्थ्य भी देना कि मैं आपके नाम से यह अखण्ड नवरात्रि की जोत जला सकूं। यदि मुझसे कोई भूल हो जाये तो मुझे क्षमा कर देना।”

इसके पश्चात माता रानी का नाम लेकर माता रानी को प्रणाम करके ज्योति जला लें। 

अखंड ज्योति जलाते समय इस मंत्र का करें जप 

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी।  

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। 

ज्योति जलाते समय आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि ज्योति शुभ मुहूर्त में ही जलानी है। अखंड ज्योति जलाने के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वोत्तम है।

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