- जल्द होंगे ग्रहों में कुछ बहुत बड़े परिवर्तन
- 29 अप्रैल से कर्म फल दाता श्री शनि देव का महा गोचर
- पीएम मोदी पर शुरू होगी शनि की ढैया
- अगले 2 सालों में मोदी लेंगे अविश्वसनीय फ़ैसले
29 अप्रैल से कर्म फल दाता श्री शनि देव का महा गोचर हो रहा है। इसी के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर शनि ढैया भी शुरू हो जाएगी। इस शनि ढैया का उन पर बहुत बड़ा असर पड़ने वाला है। साथ ही मोदी जी 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव भी इसी ढैया में ही लड़ेंगे।
यह लेख ज्योतिष आचार्य मयंक शर्मा जी द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली विश्लेषण पर आधारित है।
श्री शनि देव का श्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर प्रभाव
कर्मफल दाता श्री शनिदेव जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बहुत अधिक संघर्ष का दौर दिखाया है। इस संघर्ष के बाद शनिदेव ने उन्हें उस संघर्ष का फल भी दिया और उन्हें रंक से राजा बना दिया। एक चाय वाले से उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया। आपको जानकार आश्चर्य हो गए कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने थे, उस समय उन पर शनि साढ़ेसाती चल रही थी। यह बात आपका ये भ्रम तोड़ देगी कि श्री शनिदेव सदैव बुरा ही करते हैं। वास्तव में श्री शनि देव आपको आपके संघर्ष, आपको कर्मों का ही फल देते हैं, इसी कारण उन्हें कर्म फल दाता कहा जाता है।
29 अप्रैल, 2022 से गृहों में होगा कैसा परिवर्तन
29 अप्रैल, 2022 से श्री शनि देव, मकर राशि से कुंभ में प्रवेश कर जाएंगे। उसके पश्चात 5 जून को श्री शनिदेव कुंभ में वक्री हो जाएंगे। आपको बता दें कि श्री शनि देव का यह राशि परिवर्तन हर ढाई साल के बाद आता है।
गृहों के इस परिवर्तन का मोदी जी पर प्रभाव
शनि के इसी महा गोचर पर पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी पर शनि ढैया लगने वाली है। श्री नरेंद्र मोदी जी जब 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए अगला चुनाव लड़ेंगे तब भी वह शनि ढैया से गुजर रहे होंगे। 29 अप्रैल से उन पर लगने वाली यह शनि ढैया न केवल उनकी राजनीतिक जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डालेगी, बल्कि देश एवं दुनिया पर भी इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कुंडली का विश्लेषण
पीएम मोदी की राशि है वृश्चिक, मंगल इनके स्वामी हैं, किंतु श्री शनि देव इन के कर्ताधर्ता हैं। इनके जीवन पर श्री शनिदेव का ही इतना प्रभाव रहा जिसके कारण श्री नरेंद्र मोदी एक चाय वाले से प्रधानमंत्री बन गए।
मोदी जी की कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि की है। लग्न में ही मंगल और चंद्रमा का योग है। दूसरा भाव तथा तीसरा भाग खाली है। चतुर्थ भाव में बृहस्पति वक्री दशा में हैं। पंचम भाव में राहु हैं। छठा, सातवां और आठवां भाव खाली है। दशम भाव में शुक्र एवं शनि की युति है। ग्यारहवें भाव में सूर्य एवं बुध का बुधादित्य योग है और साथ ही सूर्य केतु का ग्रहण योग भी है। 12वां भाव इनकी कुंडली में बिल्कुल खाली है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर मंगल की महादशा कब से और कितना होगा प्रभाव
नवंबर 2021 से ही मोदी जी की मंगल महादशा चल रही है। मंगल की महादशा 7 साल की होती है। मंगल की यह दशा चंद्रमा की दशा से भी अधिक प्रभावशाली है, क्योंकि यहां मंगल स्वगृही लग्नेश है, और बहुत ही शुभ योग का निर्माण कर रहा है।
मंगल कैसे बना रहा है अखंड साम्राज्य योग
इस लग्न में मंगल अखंड साम्राज्य योग का निर्माण करता है। रूचक योग का निर्माण हो रहा है, चंद्र एवं मंगल का महालक्ष्मी योग भी बन रहा है। चंद्रमा नीच का है किंतु कोई ग्रह यदि स्वगृही बैठा हो तो वह नीच भंग कर राजयोग का भी निर्माण करता है। मंगल यहां छठे भाव का कारक भी है जो कि शत्रु का होता है। यहां आपको हम यह बता देना उचित समझते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को यह मंगल दशा 7 साल के लिए आ रही है।
शत्रुओं पर क्या होगा प्रभाव
अखंड साम्राज्य योग के कारण शत्रुओं के लिए इन्हें हराना बड़ा कठिन हो जायेगा। शत्रु कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। विशेष रूप से 12 अप्रैल के बाद इनके विरोधी इनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे श्री नरेंद्र मोदी जी के को हानि पहुंचाने के शत्रुओं के प्रयास विफल होंगे।
अगले 2 साल में मोदी जी ले सकते हैं ये बड़े फैसले
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इस बचे हुए 2 साल के कार्यकाल में मंगल की महादशा रहेगी, और मंगल अपना प्रभाव दिखाएगा। मंगल के इस प्रभाव के कारण देश में बहुत बड़े बड़े परिवर्तन दिखाई दे सकते हैं।
श्री मोदी कुछ अत्यंत अप्रत्याशित फैसले ले सकते हैं। इन निर्णयों का प्रभाव देश पर या सम्भावना ही कि विश्व पर बहुत अधिक पड़ सकता है। ये सभी निर्णय अधिक सख्त भी हो सकते हैं। ऐसे कई अप्रत्याशित फैसले लिए जा सकते हैं जो ना पहले कभी लिए गए ना बाद में कभी लिए जाएंगे
ये उम्मीद भी की जा सकती है कि किसानों से जुड़ा कृषि बिल भी नए रूप में सामने आ जाये। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून एवं कई अन्य कानून आ सकते हैं।
शनि और मंगल के प्रभाव के कारण ही श्री नरेंद्र मोदी के बहुत अधिक प्रशंसक हैं। मंगल के प्रभाव के कारण उनका यह प्रभाव ना सिर्फ देश में अपितु दूसरे देशों में भी बहुत अधिक है। आने वाले समय में मंगल के इसी प्रभाव के कारण ही उनका प्रभाव और अधिक हो जायेगा।
अंकविज्ञान के अनुसार मोदी जी पर कैसे होगी है शनि देव की कृपा
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जन्म 17 सितम्बर, 1950 को हुआ था। इसके अनुसार इनका मूलांक आठ बनता है। यह आठ भी शनि देव जी को प्रदर्शित करता है। इसके अनुसार शनि देव जी का दोहरा प्रभाव पड़ता है। इसी के कारण इन्हें उच्च पद की प्राप्ति हुई और निरंतर प्रगति करते रहे। आने वाले समय में ये प्रभाव और भी अधिक होने वाला है। शनिदेव जी का प्रभाव उन्हें और भी अधिक तरक्की देगा।
अधिक यात्राओं के योग का क्या होगा असर
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में अधिक यात्राओं का योग बन रहा है। ये यात्राएं देश एवं विदेशों में हो सकती हैं। ये सभी यात्राएं अप्रत्याशित फैसलों से जुडी हुई भी हो सकती हैं।
मंगल के प्रभाव के कारण मोदी जी की लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ेगी। लोकप्रियता अभी भी बहुत अधिक है किंतु आने वाले समय में यह और अधिक होगी। यह लोकप्रियता देश के साथ-साथ विदेश में भी अधिक होगी।
देश को विश्व गुरु बनाने की ओर होगा कदम
अभी मोदी जी की कुंडली और शनि की ढैया का प्रभाव उन पर ऐसा रहेगा कि वह पूरे विश्व में भारत को विश्व गुरु की पहचान दिला पाने में सफल रहेंगे। केवल यही नहीं श्री नरेंद्र मोदी के बाद आने वाले प्रधानमंत्री भी देश को और आगे लेकर जाएंगे। भारत अपने विश्व गुरु की पहचान को फिर से पाने में सफल रहेगा। जिसमें एक कार्य मोदी जी पहले ही कर चुके हैं और वह है पूरे विश्व को योग दिवस के जरिए यह एहसास दिलाना कि योग भारत से ही गया है और भारत ही उन्हें योग की ओर वापस फिर से लेकर जाएगा अब भारत फिर से पूरे विश्व को ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि अध्यात्म की ओर भी लेकर जाएगा।