“घर पर श्राद्ध कैसे करें”? या “घर पर श्राद्ध करने का सही तरीका क्या है”? ये पता होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि साल में एक बार ही ये अवसर आता है जब हम अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। वैसे तो हमें ये पता होना चाहिए कि हम “अपने पितरों का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें” लेकिन यदि नहीं भी पता तो हम आपको बता दें कि हमारे पितृ हमें आशीर्वाद देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। पितरों के आशीर्वाद से ही हमें बहुत कुछ मिलता है। उनका ये आशीर्वाद हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है। हमारी वंश वृद्धि और जीवन में तरक्की होती है। इसलिए सही विधि से श्राद्ध अवश्य करें।
पितृ पक्ष का महत्त्व:
पितृ पक्ष ही एक ऐसा समय होता है जब हमारे सभी पितर या पूर्वज हमारे पास आते हैं। हम उन्हें भोजन, वस्त्र इत्यादि समर्पित करते हैं। साथ ही हम इस समय दान पुण्य करते हैं तथा अपने उस दान पुण्य का सुफल अपने पितरों को समर्पित करते हैं। इन्हीं सब के बदले में हमारे पितृ हमें आशीर्वाद देते हैं।
पितरों के आशीर्वाद से क्या होता है?
पितृ पक्ष के अलावा भी हमारे पितृ हमें आशीर्वाद देते हैं। उनके आशीर्वाद के कारण हमारे जीवन में बड़े सुख देने वाले परिवर्तन आते हैं। पितरों के आशीर्वाद से हमारा जीवन बदल सकता है।
पितरों के आशीर्वाद से
- हमारे घर परिवार में सुख, शांति बनी रहती है।
- घर में समृद्धि आती है। भण्डार भरे रहते हैं।
- हमारी वंश वृद्धि होती है।
- परिवार के सदस्य जीवन में तरक्की करते हैं।
- रुके हुए काम बनते हैं।
- परिवार में रुका हुआ विवाह संपन्न होता है।
श्राद्ध करने की सम्पूर्ण विधि:
श्राद्ध करने से क्या लाभ होता है ये तो आप जान ही चुके हैं। इसलिए सही विधि से श्राद्ध अवश्य करें। प्रयास करें कि किसी पंडित को घर बुलाकर हवन करवाएं, उसे भोजन करवाएं, दान दक्षिणा दें तथा उसका आशीर्वाद लें। किन्तु यदि आपने किसी पंडित को घर पर नहीं बुलाया है और स्वयं ही श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं तो क्या करें? उसकी विधि क्या है?
घर पर स्वयं श्राद्ध कैसे करें?
घर पर स्वयं श्राद्ध कैसे करें? इसकी विधि बड़ी ही सरल है। आपको केवल कुछ नियमों का ध्यान रखना है। इन सभी नियमों को ध्यान से जान लीजिये।
- सर्वप्रथम, सुबह उठ कर घर की साफ़ सफाई करके स्नान आदि कर लें। उसके पश्चात् घर को गंगाजल से पवित्र कर लें।
- अब अपने सामर्थ्य के अनुसार भोजन बना लें। जो भी आप ब्राह्मण को खिलाना चाहते हैं। यदि संभव हो तो अपने पितृ या जिनके भी नाम का भोजन आप बना रहे हैं, उनकी पसंद का भी कुछ अवश्य बना लें।
- इसके पश्चात् पूजा के लिए एक लोटा ले लें। उसमें गाय का कच्चा दूध, गंगाजल, काले तिल और जल मिला लें।
- अब एक थाली में जो भी भोजन आपने बनाया है वो ले लें।
- अब थाली और जल का लोटा लेकर दक्षिण की ओर मुँह करके बैठ जाएं और अपनी अंजलि में जल भर कर अपने पितरों का ध्यान करें। अपने मन में “अपना नाम”, अपने “पिता जी का नाम”, और “दादा जी का नाम” बोल कर इस जल को थाली के ऊपर से 1 बार घुमा कर, इस जल को अपने अंगूठे की तरफ से एक अलग गिलास में छोड़ दें। इस प्रकार 11 बार जल को थाली में छोड़ें। और ऐसी भावना करें की ये जल आपके पितरों तक पहुँच रहा है।
- अब इस जल को पीपल देवता को चढ़ा दें और ये भोजन आप किसी ब्राह्मण देवता को दे दें। भोजन के साथ साथ थाली में दक्षिणा रखना न भूलें।
घर में ब्राह्मणों को बुलाकर श्राद्ध कैसे करें?
यदि आप घर में ब्राह्मणों को बुलाकर श्राद्ध करना चाहते हैं तो उचित यही रहेगा कि आप किसी पंडित को बुलाकर पूरी विधि के साथ श्राद्ध करवाएं। किन्तु फिर भी हम यहाँ कुछ बातें बता रहे हैं जो आपको ध्यान रखनी चाहिए।
- यदि आप घर में ब्राह्मणों को आमंत्रित कर रहे हैं तो 1 या 3 ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
- घर में जब ब्राह्मणों को आमंत्रित करें तो पहले उनके चरण अवश्य धोएं और उनके चरण धोते समय पत्नी को अपनी दायीं तरफ रखें।
- भोजन करवाने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दें। वैसे मैं आपको बता दूं कि इस दान में जो सामग्री बताई गई है वो है। गाय, भूमि, स्वर्ण, चांदी, तिल, घी, वस्त्र, अनाज, गुड़, नमक, फल इत्यादि दान दिया जा सकता है। बाकी आपकी अपनी श्रद्धा एवं सामर्थ्य है।
- दान दक्षिणा देने के बाद ब्राह्मण का आशीर्वाद अवश्य ले लें।
- यहां एक बात का आपको ध्यान अवश्य रखना है कि यदि आप घर में हवन करवा रहे हैं तो हवन में खीर अवश्य डालें।
Astrologer Parveen Bharti यह लेख ज्योतिषी परवीन भारती जी द्वारा लिखा गया है। व्यक्तिगत ज्योतिषीय उपाय के विषय में जानने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं।
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